Poet : FJB
Poet's note : I will go rambling if I try to introduce or explain this one. So just enjoy it raw.
इक अरसे से हम तेरी
Poet's note : I will go rambling if I try to introduce or explain this one. So just enjoy it raw.
इक अरसे से हम तेरी
कहानी सुनते आते थे,
कितनी सच्ची, कितनी झूठी,
तू ही जाने तू ही ब्याने !!
सच्ची दिल को छू जाती थी,
झूठी सर पे चढ़ जाती थी,
कितनी प्यारी, मेरी रानी, तेरी कहानी!!
इस जीवन की आनी जानी,
और इक यह दुनिया फानी!!
थोड़े पेड़, थोडा पानी,
खेत खलिहान और प्यार की वाणी,
चाँद को तकते रात आधी,
बाते करते भूली बिसरी,
आप बीती, नयी पुरानी,
सुनते थे हम तेरी कहानी,
कितनी सच्ची, कितनी झूठी,
तू ही जाने तू ही ब्याने !!
तू शमा थी, हम परवाने,
इक कथा के कई अफसाने,
इस महफ़िल में सब दीवाने,
तू सोने का गहना थी गर,
हम खुद को जोहरी कहते थे,
खरे खोते के हम पारखी,
यूँ ही बनते फिरते थे,
लेकिन थी तो तेरी कहानी,
कितनी सच्ची, कितनी झूठी,
तू ही जाने, तू ही ब्याने !!