Poet: FJB
Poet's Note : Here's the original hindi version of my last week's post on the poetry page http://fjb-fiction.blogspot.com/p/poetry.html - "The Sea Of Plenty"
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर,
पड़ी हुई थी वह,
मर रही थी वह,
चाहिए थी उसे,
थोड़ी दया, माया,
थोड़ा सा साया||
न आशा की कोई किरण,
न जीवन की कोई आस ही,
दुनिया से याचना करती थी,
पत्थर से दुआएँ मांगती थी||
उसकी कोख से निकलती शिशु की सिसकियाँ,
खाली भगोने में सिक्कों की झनकार,
न वो सुन सकते थे,
न वो देख सकते थे,
अफ़सोस,
वे एहसास ही कहाँ कर सकते थे||
न उसके जीवन में कशिश,
न उसके शब्दों में कोई कश,
न मरती थी, न जीती थी,
बस पड़ी रहती थी,
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर ||
टूटे हुए ख्वाबों का,
अनकहे अरमानों का,
एक महल बना कर रहती थी,
.. क्या जन्म से ही सहती थी?
किसी की बेटी, किसी की मा,
पड़ी हुई थी,
बेबस, लाचार, वंचित,
उस दुनिया से, जहाँ वह भी कोई हो सकती थी||
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर,
पड़ी हुई थी वह,
मर रही थी वह,
ठंड से, भूख से,
इस दुनिया में पड़े,
प्यार के अभाव से||
Poet's Note : Here's the original hindi version of my last week's post on the poetry page http://fjb-fiction.blogspot.com/p/poetry.html - "The Sea Of Plenty"
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर,
पड़ी हुई थी वह,
मर रही थी वह,
चाहिए थी उसे,
थोड़ी दया, माया,
थोड़ा सा साया||
न आशा की कोई किरण,
न जीवन की कोई आस ही,
दुनिया से याचना करती थी,
पत्थर से दुआएँ मांगती थी||
उसकी कोख से निकलती शिशु की सिसकियाँ,
खाली भगोने में सिक्कों की झनकार,
न वो सुन सकते थे,
न वो देख सकते थे,
अफ़सोस,
वे एहसास ही कहाँ कर सकते थे||
न उसके जीवन में कशिश,
न उसके शब्दों में कोई कश,
न मरती थी, न जीती थी,
बस पड़ी रहती थी,
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर ||
टूटे हुए ख्वाबों का,
अनकहे अरमानों का,
एक महल बना कर रहती थी,
.. क्या जन्म से ही सहती थी?
किसी की बेटी, किसी की मा,
पड़ी हुई थी,
बेबस, लाचार, वंचित,
उस दुनिया से, जहाँ वह भी कोई हो सकती थी||
इस सोने की नगरी की,
एक पत्थर की फुटपाथ पर,
पड़ी हुई थी वह,
मर रही थी वह,
ठंड से, भूख से,
इस दुनिया में पड़े,
प्यार के अभाव से||
This is beautiful, though I am not the right person to judge Hindi, but good poetry is understood in any language, I write in English, what does kash mean? If you are looking to publish it, hindi newspapers and mags would do it.
ReplyDeleteThanks ruby. There is indeed an english version on another page - The Sea of Plenty.
ReplyDeleteKash means extract, pull, take somthing out. Here it is used to mean 'no meaning from her words'.